हप्पुसिंह – डाक्टर साब हमाओ इलाज कर दे|
डॉक्टर – तुम्हारा ये हाल कैसे हुआ?
हप्पुजी– छत पे धरी थी 500 ईँटे, सब नेंचे ल्याने थी,
ऐसे 5-10 करके ल्याते तो परेशान हो जाते ।
सो हमने एक उपाय सोचो ।
छत पे धरी हती एक टंकी,
टंकी मे भर दई 500 ईँटे,
फिर एक रस्सा बांद दओ
और कुन्दा मे फँसाकें रस्सा नेंचे लटका दओ ।
हमने नेंचे जाके रस्सा पकडो
सो टंकी नेंचे लटक
गई ।
अब टंकी 500 किलो की
और हम धरे 50 किलो के
सो टंकी सरसरात नेंचे आ रई और हम सरसरात ऊपर
जा रए।
कुंदा से सर फूट गओ
टंकी जैसई नेंचे गिरी
सो उको तल्ला खुल गओ
और
सब ईँटे बाहर कड़ गई।
अब टंकी बची 25 किलो की
और हम हते 50 किलो के,
सो हम सरसरात नेंचे आ रए
और टंकी सरसरात ऊपर
जा रई।
हम जैसई गिरे ईटो के ढेर पे
सो हमाई करहाई टूट गई।
और
हमाए हाथ से रस्सा छूट गओ
अब रस्सा सरसरात ऊपर जा रओ
और टंकी सरसरात नेंचे
आ रई
और गिरी हमाई मूड़ पे,
सो हमाई खपड़िया फूट
गई।
बडी बिटम्मना है
अब तुमई अच्छो इलाज करो डाक्टर साब ।
डॉक्टर साहब बेहोश!


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